झूठ और सच के बीच
“तो क्या झूठ बोलना अच्छी बात है?” “नहीं, अच्छी बात तो नहीं”, मैंने समझाने की कोशिश करते हुए कहा। “असल […]
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“वाव, इतने सारे लोग!” टीवी पर नजर आ रही लाखों लोगों की भीड़ को देखकर बच्चे ने कहा, “क्या इन […]
एक थे राजेन्द्र सिंह बेदी, जो अपने दौर में उर्दू में लिखा करते थे। उन्होंने उर्दू में एक छोटी पुस्तिका […]
राजा साहब राजा थे तो विचित्र निर्णय लेने से उन्हें रोकता कौन? इसलिए जब उन्होंने निर्णय लिया कि उनकी राजधानी […]
आदत सी है तो बात फिर से फिल्मों से ही शुरू करेंगे। ये प्रसिद्ध सी फिल्म है “हैरी पॉटर एंड […]
मासूम, भोले-भाले, क्यूट से हिन्दुओं के देखने लायक एक फिल्म है “द ग्रेट डिबेटर्स”। ये फिल्म 2007 में आई थी […]
वैसे तो फिल्म को एकता कपूर ने बनाया था, लेकिन पता नहीं क्यों फिल्म का नाम “के” से न शुरू […]
एक बड़ा ही मजेदार सा शेखुलर प्रश्न कभी कभी भगवद्गीता के बारे में पूछा जाता है। बच्चे पूछें तो चलता […]
वैसे तो चित्रकला, लेखन से बिलकुल अलग मामला है, लेकिन कभी कभी कहानियां चित्रकारों पर भी लिखी जाती हैं। ऐसी […]
एक बार की बात है, जब एक गरीब लेखक था। अब आप कहेंगे लेखक में गरीब का विशेषण जोड़ने की […]