दिवस 02

पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य महतीं चमूम्। व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता।।1.3।। अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि। युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः।।1.4।। धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च […]

दिवस 01

धृतराष्ट्र उवाच धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः। मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत सञ्जय।।1.1।। सञ्जय उवाच दृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा। आचार्यमुपसङ्गम्य राजा वचनमब्रवीत्।।1.2।। […]

Trishagni and Bhagvad Gita

पाली भाषा में गौतम बुद्ध के जो महत्वपूर्ण सन्देश आते हैं, “अदित्तपरियाय सूक्त” उनमें से एक है। मोटे तौर पर […]