ट्राली प्रॉब्लम जैसी कठिन है क्या भगवद्गीता?
पहली बार, एक नजर देखने पर “ट्राली प्रॉब्लम” ऐसा सवाल लगता है, जिसका आसानी से हल निकाला जा सकता हो। […]
पहली बार, एक नजर देखने पर “ट्राली प्रॉब्लम” ऐसा सवाल लगता है, जिसका आसानी से हल निकाला जा सकता हो। […]
जिन्होंने हिंदी माध्यम से पढ़ाई की होती है, उनके लिए ये समझना आसान है कि योग का अर्थ होता है […]
“पढ़िए गीता; बनिए सीता; फिर इन सबमें लगा पलीता; किसी मूर्ख की हो परिणीता; निज घरबार बसाइए।“ ऐसा हम नहीं […]
किसी खिलाड़ी के लिए अभ्यास कितना उबाऊ होता होगा? मान लीजिये क्रिकेट ही खेलता है तो हर दिन सुबह उठकर […]
सत्यजित रे ने 1964 में एक छोटी सी, बारह मिनट की फिल्म बनायीं थी, जिसका नाम था “टू”। अंग्रेजी नाम […]
“तो क्या झूठ बोलना अच्छी बात है?” “नहीं, अच्छी बात तो नहीं”, मैंने समझाने की कोशिश करते हुए कहा। “असल […]
एक बार की बात है, जब एक गरीब लेखक था। अब आप कहेंगे लेखक में गरीब का विशेषण जोड़ने की […]
किम हान मिन की बनाई “द एडमिरल” दक्षिण कोरिया में इतनी प्रसिद्ध हुई थी कि उसका मुकाबला सीधा “अवतार” फिल्म […]
शादी-ब्याह में बैंड वाले “ये देश है वीर जवानों का…” वाला गाना क्यों बजाने लगते हैं, ये मेरी समझ में […]
कम सुनी हुई फिल्मों की बात करें तो 2019 में आई अमेरिकी फिल्म “फर्स्ट काऊ” का नाम भारत में करीब-करीब […]